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हर साल 2 लाख भारतीयों की होती है किडनी फेल

by zadmin

हर साल 2 लाख भारतीयों की किडनीफेल होती है

81 साल की बूढी मां ने 54 साल के बेटे को किडनी दान  की

ठाणे,: नवी मुंबई के बेलापुर उपनगर में स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स ने 200 से ज़्यादा जीवन-रक्षक किडनी ट्रांसप्लांट्स को तीन सालों में सफलतापूर्वक पूरा करके अपने रीनल ट्रांसप्लांट प्रोग्राम में एक महत्वपूर्ण पड़ाव हासिल किया है। कोविड महामारी के चुनौतीपूर्ण दौर में किए गए किडनी ट्रांसप्लांट्स भी इसमें शामिल होने की वजह से यह उपलब्धि और भी ज़्यादा सराहनीय है। अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट्स की अनुभवी टीम ने 200 से ज़्यादा किडनी ट्रांसप्लांट्स किए, जो उनकी उच्च क्षमताओं और रोबोटिक प्रौद्योगिकी द्वारा समर्थित नेफ्रोलॉजी में अंग विशिष्ट कार्यक्षेत्र के ज्ञान के साक्षी हैं। 81 वर्षीय कला शशिकांत शाह जो भारत की सबसे बुजुर्ग जीवित दाता थी, उन्होंने अपने 54 वर्षीय बेटे को एक किडनी दान की। यह एक मिसमैच्ड ब्लड ग्रुप ट्रांसप्लांट मामला था और दाता और प्राप्तकर्ता की तबियत पूरी तरह से ठीक हुई और 81 वर्षीय कला शाह के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं हुआ।

अपोलो टीम ने अधोरेखित किया कि किडनी ट्रांसप्लांट्स का सफलता दर 99% से अधिक है और जटिल ट्रांसप्लांट्स को सफलतापूर्वक किया गया है जिनमें एबीओ-इन्कॉम्पैटिबल (मिसमैच्ड ब्लड ग्रुप) ट्रांसप्लांट्स और रिपीट (दूसरी बार) ट्रांसप्लांट केसेस भी शामिल हैं। बल्कि दुनिया भर के रोगियों के लिए गुणवत्ता और आशा की किरण है।

अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई के कंसल्टेंट रोबोटिक यूरोलॉजिस्ट और रीनल ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ अमोलकुमार पाटील ने कहा, “अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में सर्जिकल प्रौद्योगिकी का लगातार अपग्रेडेशन किया जाता है, आज के दौर में कम से कम इन्वेसिव टेक्निक्स सबसे ज़्यादा अपनाए जाते हैं। इससे सर्जरी के बाद के दर्द को बेहतर तरीके से नियंत्रण में रखा जा सकता है, मरीज़ की तबियत जल्द से जल्द ठीक होती है और शरीर पर सर्जरी के निशान भी नहीं रहते. दा विन्ची सर्जिकल सिस्टम जैसी आधुनिकतम रोबोटिक प्रौद्योगिकी के साथ अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में मरीज़ों पर किए जाने वाले इलाज और उनके परिणामों के ऐसे विकल्प दिए जाते हैं जो दुनिया में उपलब्ध सर्वोत्तम विकल्पों के बराबर हैं। सकारात्मक क्लिनिकल परिणामों और वैश्विक स्तर के अनुभव ने अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई को भारत और दुनिया भर के मरीज़ों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन चुका है।”

अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई के रीजनल सीईओ वेस्टर्न रीजन श्री संतोष मराठे ने बताया, “भारत में पहली ऑर्गन ट्रांसप्लांट रजिस्ट्री विकसित करने से लेकर भारत में कुछ महत्वपूर्ण किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरीज़ करने तक, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप आधुनिकतम चिकित्सा प्रौद्योगिकी द्वारा सक्षम प्रत्यारोपण सर्जरी के साथ गुणवत्तापूर्ण परिणाम देने में हमेशा सबसे आगे रहा है। अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में किडनी ट्रांसप्लांट टीम का नेतृत्व देश के कुछ बेहतरीन ट्रांसप्लांट सर्जन कर रहे हैं, जिनके पास कई वर्षों का अनुभव है। टीम को विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा समर्थित किया जाता है, जिसमें नेफ्रोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट, ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर, सामाजिक कार्यकर्ता, मनोचिकित्सक और एनेस्थिसियोलॉजिस्ट शामिल हैं, जो दुनिया में उपलब्ध सर्वोत्तम परिणामों के बराबर परिणाम प्रदान करते हैं। हमें अपने सेवाओं के पोर्टफोलियो में किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर द्वारा प्रदान की जाने वाली विशिष्ट सेवाओं पर गर्व है। हम एक रोगी सहायता समूह गतिविधि चलाते हैं जिसमें समय-समय पर मरीज़ और मरीज़ों के परिवार मिलते हैं और अपने अनुभवों और बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को सांझा करते हैं।

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