गैरकृषि कर की वसूली पर सरकार ने लगाई रोक
पथिक संवाददाता
मुंबई:महाराष्ट्र सरकार ने मुंबईकरों से गैर कृषि टैक्स को वसूली पर रोक लगा दिया है।मंगलवार को विधान सभा में एक ध्यानाकर्षण प्रस्तासव का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री बाला साहेब थोराट ने कहा कि इसबारे में सरकार को कई संस्थाओं और नागरिकों की ओर से विरोध जताया गया है। नागरिक की भावनाओं और सदन के सदस्यों की मांग के मद्देनजर,गैर कृषि टैक्स पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाया जा रहा है। इस कर वसूली परमंगलवार को विधान सभा में भाजपा विधायक आशिष शेलारअतुल भतखलकर, पराग अल्वनी, योगेश सागर,मनीषा चौधरी,विद्या ठाकुर व भारती लवेकर ने यह मुद्दा उठाया था।इस पर बोलते हुए श्री शेलार ने कहा कि यह कर ब्रिटिश जमाने का है।जिसमे कृषि युक्त जमीन का उपयोग बदलने पर गैर कृषि कर लगाया जाता था।लेकिन वर्तमान महाविकास आघाडी की सरकार अंग्रेजों का कानून लागू कर 2001 से यह कर वसूलने के लिए नोटिस भेज रही है जो मुंबईकरों पर अन्याय है।इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।एक ओर मुम्बईकर कोरोना के कारण आर्थिक बदहाली झेल रहे हैं।दूसरी ओर आघाडी सरकार 60000 हजार नागरिकों को गैर कृषि कर वसूली की नोटिस थमा रही है।श्री शेलार ने सरकार के ध्यान में लाया कि जब किसी भूखंड का विकासक विकास करता है तब वह उपकर भरता है फिर नागरिकों से दुबारा ग़ैरकृषि कर वसूलना अन्यायपूर्ण है।सरकार इस नोटिस को वापस ले और गैर कृषि कर को रद्द करदे।सदन में बढते दवाब के मद्देनजर राजस्व मंत्री श्री थोराट ने सदन में गैर कृषि कर की वसूली को स्थगन दे दिया।बता दें कि सभी सोसाइटियों को यह नोटिस दिसंबर में सरकार ने भेजा है।
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मुंबई की इमारतों की आक्यूपेशन प्रमाण पत्र की समस्या के लिए कमेटी गठित करेगी सरकार-शिंदे
मुंबई की इमारतों की आक्यूपेशन प्रमाणपत्र की समस्या सुलझाने के लिए राज्य सरकार एक नई कमेटी बनाएगी जो इस पर हल को एक माह में सुझाएगी।यह घोषणा मंगलवार को नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने दी। यह मुद्दा विधान सभा में विधायक आशीष शेलार,सुनील प्रभु,योगेश सागर और अमीन पटेल ने उठाया था।इस पर जवाब देते हुए मंत्री श्री शिंदे ने घोषणा की कि इस पर नगर विकास मंत्रालय सकारात्मक निर्णय लेगी। मंत्रालय एक कमेटी गठित करेगी जो इसके लिए नीति बनाएगी।उन्होंने कहा कि वर्षों से खड़ी और अधिग्रहित इमारतों को आक्यूपेशन प्रमाणपत्र देने के लिए विशेष एमनेस्टी योजना भी लगूवकरेगी।बता दें कि मुम्बई में 30 30 वर्षों से बनी सैकड़ों इमारतों को आक्यूपेशन प्रमाणपत्र महक्सनगरपालिक ने नहीं दिया है।इमारत निर्माण से जुड़ी सभी प्रावधानों को पूरा करने पर महानगर पालिका आक्यूपेशन प्रमाणपत्र जारी करती है।इस प्रमाण पत्र न होने पर फ्लैट धारकों व सोसाइटियों को अतिरिक्त कर भरना पड़ता है।