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दिमाग़ विचारों का कारखाना है – आनंदश्री

by zadmin


– जो बोओगे , वही काटोगे
– एक सक्षम दिमाग़, सबकुछ हासिल कर सकता है

दिमाग विचारों की अदभुत फैक्टरी है। यँहा वही बाहर आएगा जो अंदर जाएंगे । हम इंजीनियरिंग  में पढ़ते थे कि किसी भी फैक्ट्री में इनपुट, प्रोसेस और आउटपुट होता है। वह चाहे सर्विस सेंटर हो या कोई आधुनिक कारखाना। सभी पर यह नियम लागू होता है। यहाँ तक कि कंप्यूटर और मोबाइल भी इसी सिद्धांत पर कार्य करते हैं.  
अब बात आती है दिमाग की। बरसो से इंसान का दिमाग भी ऐसे ही कार्य करता आ रहा है। 
दिमाग में हम इनपुट क्या डाल रहे है? क्या जा रहा है ? 
इनपुट के अनेक रास्ते हैं । हमारी संगत, माहौल, शिक्षा, पुस्तक, यूट्यूब वीडियो और कार्यक्रम। यह सभी हमारे इनपुट  हैं  । जो विचारों द्वारा प्रोसेसिंग होता है। प्रोसेसिंग के बाद यही विचार हमारे नजरिये और व्यक्तित्व का निर्माण करते  हैं  । 
आपका आउटपुट , इनपुट का रिजल्ट है।

 दिमाग तो कारखाना है। जो आएगा उसको प्रोसेस करना है। फिर फिनिशिंग करके बाहर निकलना है। 
चौकन्ना हो जाओ

आपकी जिंदगी भाग्य भरोसे नहीं  बल्कि आपके इनपुट के भरोसे चल रही है। चौकन्ना हो जाओ। आप क्या इनपुट डाल रहे हो। क्या क्या अंदर जा रहा है देखिये। अवलोकन  कीजिये। अपने दिमाग़ को सक्षम बनाइये। ये आपका आपके भाग्य को बदल सकता है।
– प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्रीआध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइंडसेट गुरु,

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