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खरी-खरी:अशोक वशिष्ठ

by zadmin
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खरी-खरी:अशोक वशिष्ठ 
खिचड़ी में गुण बहुत हैं, नित्य लगाओ भोग।

तन-मन को हल्का रखे, मिटे उदर का रोग।।

मिटे उदर का रोग , एक चम्मच घी डालें।

हो यदि ताजा दही , संग में उसे मिला लें।।

हलवा पूड़ी और , कचौड़ी लड्डू रबड़ी ।

इनको टाटा कहें , स्वाद ले खाएँ खिचड़ी।।

अशोक वशिष्ठ 

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