●खरी-खरी:अशोक वशिष्ठ
खिचड़ी में गुण बहुत हैं, नित्य लगाओ भोग।
तन-मन को हल्का रखे, मिटे उदर का रोग।।
मिटे उदर का रोग , एक चम्मच घी डालें।
हो यदि ताजा दही , संग में उसे मिला लें।।
हलवा पूड़ी और , कचौड़ी लड्डू रबड़ी ।
इनको टाटा कहें , स्वाद ले खाएँ खिचड़ी।।
अशोक वशिष्ठ