ठाणे में भाजपा शुरू करेगी ‘टैंकर माफिया के खिलाफ जंग’-संजय केलकर
आनंद पांडेय
ठाणे- ठाणे में पानी की किल्लत बनी हुई है. जिसके कारण लोगों को आए दिन पानी के लिए जूझना पड़ रहा है. इस संदर्भ में भाजपा विधायक संजय केलकर का कहना है कि ठाणे के घोड़बंदर सहित अन्य परिसर में गंभीर पानी की कमी की कई शिकायतों के बावजूद कोई समाधान नहीं हो रहा है और सत्ताधारी शिवसेना टैंकर माफिया को पाल पोस रही है. इसलिए उन्होंने टैंकर माफिया के खिलाफ ‘यलगार परिषद’ के नाम से जंग छेड़ने का निर्णय लिया है. इसके तहत उन्होंने नागरिकों से उनका मत मांगा था और महज दो दिनों में इस आंदोलन को ढाई हजार से ज्यादा नागरिकों का समर्थन मिल गया है. खोखले वादे कर नागरिकों के साथ अन्याय करने का काम सत्तारूढ़ शिवसेना पिछले कई वर्षों से करती आ रही है. यही फरवरी में पानी का यह हाल है तो अप्रैल और मई के महीने में पानी की भीषण किल्लत का सामना इन नागरिकों को करना पड़ सकता है. बड़ी परियोजनाओं का ढोल बजा रही शिवसेना जल्द ही यलगार परिषद का आयोजन कर जल अभियान को तेज करेगी क्योंकि यह ठाणेकरों की बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती.
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में घोडबंदर क्षेत्र में बड़ी संख्या में हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बने. इस क्षेत्र का तेजी से शहरीकरण होने के कारण बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है. महानगर पालिका की तरफ से घोडबंदर क्षेत्र में प्रतिदिन 83 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति कर रहा है. इस पानी की आपूर्ति स्टेम प्राधिकरण और महानगर पालिका की अपनी योजना से की जाती है. मरम्मत कार्य के लिए पानी की आपूर्ति बंद है. उस समय विभाग निहाय योजना द्वारा नगर पालिका की अपनी योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है. इससे अस्थायी राहत मिलती है. लेकिन पानी की आपूर्ति ठप होने के बाद अगले कुछ दिनों तक पानी की किल्लत की समस्या बनी हुई है. तब से, बढ़ते आवास परिसरों की तुलना में पानी की आपूर्ति में बहुत अधिक वृद्धि नहीं हुई है. नतीजतन, घोड़बंदर क्षेत्र की बड़ी सोसायटियों को पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है. पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण आवास परिसरों को टैंकर से पानी खरीदना पड़ रहा है. इस संदर्भ में मनपा जलापूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता विनोद पवार ने कहा कि पानी की समस्या को दूर करने का प्रयास जारी है. एमआईडीसी द्वारा लिए जा रहे शट डाउन और स्टेम प्राधिकरण के पाने योजना में बैजलि आपूर्ति खंडित होने के कारण पानी की आपूर्ति पर थोड़ा असर पड़ा है. लेकिन पानी का नियोजन सही तरीके से किया जा रहा है.
नागरिकों के जेब पर पड़ा रहा असर
इतना ही नहीं चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि पानी आपूर्ति करने वाली छोटे टैंकरों की कीमत 2,500 रुपये से 3,500 रुपये के बीच है. जबकि बड़े टैंकरों की कीमत तक़रीबन 5 से साढ़े हजार रूपए के बीच है. वहीँ मनपा द्वारा खुद के टैंकर से उपलब्ध कराये जाने वाले एक टैंकर पानी की कीमत मात्र 1000 रुपए है. लेकिन मनपा द्वारा समय पर टैंकर नहीं पहुँच पाता है.