गैरभाजपाई दलों को लामबंद करने राव आये उद्धव की शरण में
मुंबई ::भाजपा के खिलाफ नया फ्रंट बनाने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रविवार को मुंबई आ रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के सी राव का महाराष्ट्र दौरा एक नया राजनीतिक कदम है. तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए श्री राव उद्धव की शरण में आ रहे हैं. प्रधान मंत्री की राजनीत्तिक शक्ति में सेंध लगाने के लिए कई क्षेत्रीय दल संगठित होना चाहते है..इसमें तृणमूल कांग्रेस,राजद,डीएमके,अकाली दल,समाजवादी पार्टी,,शिवसेना आदि क्षेत्रीय दलों का एक आभासी गंठजोड़ तैयार हो रहा है. इसी सिलसिले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर अपनी इच्छापूर्ति करना चाहते हैं। खबर है कि श्री राव ममता बनर्जी की तरह ही राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय होना चाहते हैं. इसके साथ ही आजकल उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ झंडा
खड़ा किया है.उन्होने अपनी पटरी बदल दी है. इसका कारण तेलंगाना में भाजपा की बढ़ती राजनीतिक ताकत है. आसन्न राज्य के चुनाव में भाजपा उन्हें कड़ी चुनौती दे सकती है. इससे पहले श्री राव अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत कर लेना चाहते हैं. श्री राव की यह यात्रा शुद्ध राजनीतिक है और वह भाजपा के खिलाफ शक्तियों को लामबंद करना चाहते हैं. इस से पहले भी तृण मूल कांग्रेस की नेता ने यह प्रयास किया था. महाराष्ट्र आकर वह भाजपा से पीड़ित उद्धव ठाकरे और महाविकास आघाडी सरकार के चाणक्य शारद पवार से भी मिलीं थीं. लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ. अब जब केसीआर पर राजनीतिक संकट आ चला है तो वे गार भाजपा दलों को संगठित करने निकल पड़े हैं. डेस्क के राजनितिक पटल पर इन क्षेत्रीय दलों का राजनीतक महत्त्व कोई बड़ा नहीं है. वह भी भाजपा फिलहाल फूल फॉर्म में है. ऐसे में इन दलों का एक साथ आना कोई ख़ास प्रभाव नहीं डाल पायेगा. इसका कारण यह है कि गैर भाजपाई दलों में एकता नहीं है,