●खरी-खरी
‘आप’ विरोधी बन गये, अब कुमार विश्वास।
आरोपों में घिर गये, ‘आप’ के खासम खास।
‘आप’ के खासम खास, स्वयं को ‘स्वीट’ बताते।
अपनी तारीफों में , कहते नहीं अघाते।।
सभी गिनाने में लगे, एक-दूजे के पाप।
कवि कुमार विश्वास ने, उधर घेर ली ‘आप’।।
●अशोक वशिष्ठ