●खरी-खरी:
अब चन्नी कहने लगे, भैया -भैया बोल।
लगा उतरने देखिए, कांग्रेस का खोल।।
कांग्रेस का खोल , पोल खुद खोल रहे हैं।
है चुनाव का खेल, बेवजह बोल रहे हैं।।
भैया बोल उठे , तो फिर काटोगे कन्नी।
भैयों के जैसे , पहले बन जाओ चन्नी।।
●अशोक वशिष्ठ
●खरी-खरी:
अब चन्नी कहने लगे, भैया -भैया बोल।
लगा उतरने देखिए, कांग्रेस का खोल।।
कांग्रेस का खोल , पोल खुद खोल रहे हैं।
है चुनाव का खेल, बेवजह बोल रहे हैं।।
भैया बोल उठे , तो फिर काटोगे कन्नी।
भैयों के जैसे , पहले बन जाओ चन्नी।।
●अशोक वशिष्ठ