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खरी-खरी:अशोक वशिष्ठ

by zadmin
vashishth

खरी-खरी:
अब चन्नी कहने लगे, भैया -भैया बोल।

लगा उतरने देखिए, कांग्रेस का खोल।।

कांग्रेस का खोल , पोल खुद खोल रहे हैं।

है चुनाव का खेल, बेवजह बोल रहे हैं।।

भैया बोल उठे , तो फिर काटोगे कन्नी। 

भैयों के जैसे ,  पहले बन जाओ चन्नी।।
अशोक वशिष्ठ 

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