Home आँगन राज्यपाल ने किया मंजू लोढ़ा सहित प्रतिभावान सेवाभावी बालिकाओं यशवी व आयरा लोढ़ा का सम्मान

राज्यपाल ने किया मंजू लोढ़ा सहित प्रतिभावान सेवाभावी बालिकाओं यशवी व आयरा लोढ़ा का सम्मान

by zadmin

राज्यपाल ने किया मंजू लोढ़ा सहित प्रतिभावान सेवाभावी  बालिकाओं यशवी व आयरा लोढ़ा का सम्मान 
मुंबई: सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवयित्री श्रीमती मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा तथा उनकी पोती सुश्री यशवी अभिनंदन लोढ़ा एवं आयरा अभिषेक लोढ़ा को आइकोनिक महाराष्ट्र सम्मान 2021 से सम्मानित किया गया। राजभवन में आयोजित एक  कार्यक्रम में  राज्यपाल  भगतसिंह कोशियारी ने इन्हें  सम्मानित किया। मुंबई  भाजपा चित्रपट यूनियन के अध्यक्ष  संदीप घुगे के संयोजन में मेड इन इंडिया आइकॉनिक अवार्ड तथा नमो सिने टीवी निर्माता एसोसियशन द्वारा इस कार्यक्रम को राजभवन में आयोजित किया गया था।

सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवयित्री श्रीमती मंजू लोढ़ा देश की जानी-मानी हस्तियों में से एक हैं । वह लोढ़ा फाउंडेशन के माध्यम से अनेक सेवा कार्यों को सदैव करती रहती हैं।उन्हें समाज सेवा व् साहित्यिक क्षेत्र  में  योगदान के लिए  अनेक सम्मानों से लगातार सम्मानित किया जाता रहा हैं। वहीं उनकी पोती सुश्री यशवी लोढ़ा तथा आयरा लोढ़ा जो क्रमशः मात्र 13 तथा 12 वर्ष की हैं , कोरोना काल में इन दोनों बच्चियों ने बहुत ही अच्छा काम तथा जरूरतमंदों की काफी मदद की है। इन दोनों ने इस वर्ष कोरोना सेंटर के निर्माण में अपने जेब खर्च के पैसे देकर सहयोग किया। वहीं गत वर्ष सुश्री यशवी लोढ़ा ने सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए सैनिकों के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने में अपना योगदान दिया। तथा सुश्री आयरा लोढ़ा ने  मूक प्राणियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करवाने का नेक कार्य किया ।

कुशाग्र बुद्धि की धनी सुश्री यशवी अभिनंदन लोढ़ा तथा सुश्री आयरा  अभिषेक लोढ़ा, उन बच्चों में से है, जो हरदम कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। हर परिस्थिति से जुझना जानते है और उसका हल भी निकाल लेते है। विश्वव्यापी लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण को लेकर काफी बातें होती देख यशवी लोढ़ा ने  ऐसे बैकपैक (स्कूल बैग) बनाने की परिकल्पना की जो पर्यावरण के अनुकूल हो। उसने अपने अध्ययन में पाया कि दक्षिण अफ्रिका की एक संस्था इस पर कुछ कार्य कर रही थी। कुशाग्र बुद्धि की धनी सुश्री यशवी अभिनंदन लोढ़ा उस संस्था के साथ मिलकर ऐसे बैकपैक की निर्माण की दिशा में कदम बढ़ा रही है, जो पर्यावरण के अनुकूल  है। अपने माता-पिता तथा दादा-दादी द्वारा मिले अच्छे संस्कार के कारण इन्होंने बचपन में ही समाजसेवा के क्षेत्र में कदम रख दिया है. इन बच्चों को मिले सम्मान से नई पीढ़ी भी प्रेरणा लेगी. 

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