जन्मदिन पर विशेष :उत्तर भारतीयों के शुभचिंतक अजित पवार
-श्रीकेश चौबे
महाराष्ट्र राकांपा के वरिष्ठ नेता पारसनाथ तिवारी ने वरिष्ठ पार्टी नेता और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार को उनके जन्मदिन पर अपनी शुभकामना दी है. श्री पवार के जन्मदिन के एक दिन पहले अपने टिटवाला स्थित आवास ‘पारस भवन’ में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए श्री तिवारी ने कहाकि गरीबों के मसीहा अजितदादा पवार एक दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जरुर बनेंगे.उन्होंने कहा कि श्री पवार एक कुशल प्रशासक और विजनरी राजनेता हैं। वे उत्तरभारतीय समुदाय के सच्चे हितचिन्तक हैं . गरीब और आम लोग हमेशा उनकी राजनीति के केंद्र में रहे, राज्य के विकास में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री तिवारी ने कहा कि अजित दादा ने दिग्गज मराठा नेता शरद पवार के मार्गदर्शन में प्रशासन की सारी बारीकियां सीखी हैं, देश और प्रदेश को उनसे बहुत आशाएं हैं. उन्होंने कहाकि महाराष्ट्र की परम्पराएँ महान हैं. राज्य को अब तक अनेक महान नेताओं का नेतृत्व प्राप्त हुआ है, अजित दादा उसी श्रृंखला की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं.
अजित पवार का पूरा नाम अजित अनंतराव पवार हैं, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार के भतीजे व राकांपा के नेता हैं. अजीत पवार का जन्म 22 जुलाई 1959 को हुआ. वह राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं. उनके पिता शांताराम के राजकमल स्टूडियो में कार्य करते थे.अजित पवार की शादी सुनेत्रा पवार से हुई हैं और उनके दो बेटे जय पवार व पार्थ पवार है.
अजित पवार ने अपने राजनीतिक कैरियर का प्रारम्भ 20 साल की उम्र 1982 से किया था. उनका राजनीति में पहला कदम एक चीनी सहकारी संस्था के लिए था. इसके उपरांत वह 1991 में पुणे जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष बने और लगातार 16 साल तक इस पद पर रहते हुए कार्य किया.
अजित पवार लोकसभा चुनाव में पहली बार 1991 में बारामती निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए लेकिन पीवी नरसिम्हा सरकार में रक्षा मंत्री पद पर कार्यरत चाचा शरद पवार के लिए वह सीट खाली छोड़ दी.इसके उपरांत उसी वर्ष महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव हुए जिनमें वह विजयी रहें और महाराष्ट्र सरकार में नवंबर 1992 से 1993 तक कृषि और बिजली राज्य मंत्री रहकर कार्य किया. इसके बाद वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 1995, 1999, 2004, 2009, 2014 व 2019 में निर्वाचित हुए.
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में कृषि, बागवानी और बिजली राज्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री जैसे प्रमुख पदों पर रहकर कार्य किया. इतना ही नहीं वह महाराष्ट्र सरकार में 29 सितम्बर 2012 से सितंबर 2014 तक उप-मुख्यमंत्री भी रहे.
अजित के चाहने वाले उन्हें ‘दादा’ कहकर पुकारते है। अजित पवार खेती-किसानी के भी जानकार हैं और कई मौकों पर खुद को कृषि विशेषज्ञ भी कहते नजर आए हैं.महाराष्ट्र की बारामती विधानसभा सीट पर पिछले 54 सालों में सिर्फ दो ही लोग जीते हैं और वो दोनों ही पवार परिवार से हैं शरद पवार और अजित पवार। अब तक दोनों इस सीट से क्रमशःछह-सात बार विधायक बन चुके हैं। अजित को महाराष्ट्र में एक महत्वाकांक्षी नेता के रूप में देखा जाता है, और माना जाता है कि उनके पास महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के सभी गुण हैं।उन्होंने हमेशा खुद को शरद पवार के अनुयायी के रूप में पेश किया,