प्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने की उम्मीद जग गई है। आलाकमान ने इसके लिए ‘टैलेंट हंट’ शुरू कर दिया है। पार्टी इसबार बिहार कांग्रेस को लेकर ज्यादा सतर्क है। अब वह अपना फैसला थोपने के मूड में नहीं है। लिहाजा, आलाकमान ने प्रदेश के वरीय नेताओं से नये अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी शुरू कर दी है। इसके लिए राज्य के कांग्रेसी विधायकों, सांसदों व विधान परिषद सदस्यों को दिल्ली बुलाया गया है। सात जुलाई को सभी नेता दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी राय देंगे। हालांकि राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि हाल में पार्टी की टूट को लेकर उड़ी चर्चा को लेकर आलाकमान विधायकों की नब्ज टटोलना चाह रहा है।
पार्टी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने पहले भी यह कहा था कि जल्द ही राहुल गांधी बिहार के विधायक व सांसदों से मिलेंगे। यह बात उन्होंने कांग्रेस की टूट से जुड़ी खबरों का खंडन करते हुए कहा था। लिहाजा नेताओं की इस दिल्ली यात्रा को उससे जोड़कर भी देखा जा रहा है। गौर हो कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। लिहाजा, कांग्रेस में नये अध्यक्ष की तलाश पहले ही शुरू हो गई है।
इस सिलसिले में प्रदेश के प्रभारी श्री दास भी राज्य के सभी नेताओं से बात कर चुके हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट भी हाई कमान को सौंप दी है। जानकारी के अनुसार श्री दास ने किसी दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की वकालत की है। बताया जाता है कि उन्होंने दूसरी बार विधानसभा का चुनाव जीते राजेश राम का नाम भी प्रस्तावित किया है। हालांकि इस सिलसिले में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष व जगजीवन राम की पुत्री मीरा कुमार के साथ और दूसरे नेताओं का नाम भी लिया जा रहा है। इसी बीच प्रदेश में अपनी गतिविधियां बढ़ाने वाले राष्ट्रीय महासचिव तारीक अनवर का नाम भी लिया जा रहा है। लेकिन यह तभी संभव है जब लंबे समय से दिल्ली की राजनीति में रम चुके तारीक बिहार आने पर राजी हों। एक अलग तबका सवर्ण को अध्यक्ष बनाने का हिमायती है। ऐसे लोगों के पास राजपूत से निखिल कुमार के अलावा विधान पार्षद समीर सिंह तथा भूमिहार बिरादरी से अखिलेश कुमार सिंह का नाम लिया जा रहा है। बहरहाल, जो भी हो कांग्रेस अलाकमान की नजर अब बिहार पर चली गई है।