●खरी-खरी
राजनीति का गढ़ बना फिर अपना कश्मीर।
आने वाले समय की , क्या होगी तस्वीर ।।
क्या होगी तस्वीर , राज्य का दर्जा पाये।
या यू टी रह कर , चुनाव की नौबत आये।।
जो भी हो वह सभी को , मन से हो मंज़ूर ।।
देश प्रेम के भाव से , करें शिकायत दूर ।।
● अशोक वशिष्ठ