मुंबई,26 जून:महाराष्ट्र में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट का ख़तरा मंडरा रहा है. वैसे कहा जा रहा है कि अगर महाराष्ट्र में तीसरी लहर आती है तो फिर इससे 50 लाख लोग संक्रमित हो सकते हैं, जिसमें 5 लाख तक की संख्या बच्चों की हो सकती है. ये एक अनुमान है और सरकार इन्हीं चीज़ों को लेकर एक्सपर्ट से फिलहाल बातचीत कर रही है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में इस सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में इन सभी संभावनाओं पर चर्चा की गई. महाराष्ट्र के खाद्य और औषधि प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने शुक्रवार को कहा कि तीसरी लहर के दौरान एक्टिव मरीजों की संख्या आठ लाख हो सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘करीब पांच लाख बच्चे संक्रमित हो सकते हैं, जिनमें से 2.5 लाख को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराने की जरूरत पड़ सकती है. ‘कोरोना का ये वेरिएंट महाराष्ट्र में काफी लंबे समय से है. डेल्टा प्लस का पहला सैंपल इस साल अप्रैल में मिला था.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट से महाराष्ट्र को अधिक खतरा हो सकता है और इसलिए राज्य पहले से ही सतर्क है. लव अग्रवाल ने कहा, ‘म्यूटेशन के चलते ज़िंदा वायरस की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है और जब कोरोना के बहुत ज्यादा केस होते हैं तो फिर इसके और भी बढ़ने का खतरा बना रहता है. लहरें अब चिंता का विषय नहीं हैं’. अग्रवाल ने आगे कहा, ‘हमने अपने लापरवाह व्यवहार से कोरोना को बढ़ने दिया है, यह चिंता का विषय है.’ बता दें कि अब तक सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से ही मिले हैं.
किन ज़िलों ने बढ़ाई चिंता?
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के कुछ जिलों में अभी भी 5 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट है, जो चिंताजनक है. ये ज़िले हैं- रायगढ़, सांगली, सिंधुदुर्ग, सतारा, पुणे, रत्नागिरी, कोहलापुर, पालघर, और उस्मानाबाद. भार्गव ने कहा, ‘ये एक अच्छा कदम है कि सराकरा ने महाराष्ट्र में फिर से कई इलाकों में प्रतिबंध लगा दिए हैं’