हनुमत भजन,मनोधैर्य और चिकित्सा से दूर होगा कोरोना का संकट-शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती
आज विश्व में महामारी की वजह से एक अति संकट की स्थति है. भारत में एक साल पहले भी ये कष्ट आया था. उस समय समाज की मेहनत से, सहयोग से, सबकी सहानुभूति से, इस संकट का विमोचन हुआ था. अभी इस संदर्भ में दोबारा कुछ संकट शुरू हुआ है, अति वेग से शुरू हुआ है, उस संकट से विमोचन होना चाहिए. इस संकट के विमोचन के संदर्भ में जो संकट मोचन हनुमान जी हैं, उनका जो वाक्य है उसे हमको स्मरण करना बहुत उपयोगी होगा. वाल्मीकि रामायण में हनुमान जी कहते हैं, दुःख होता है, संकट होता है, फिर भी अपना जो मनोधैर्य है, मन में जो हिम्मत है वो छोड़ना नहीं, प्रयत्न करते रहना है.”यह विचार गुरुवार को ‘हम जीतेंगे- Positivity Unlimited’ श्रृंखला के तीसरे दिन पूज्य शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने व्यक्त किये. इस पांच दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन ‘कोविड रिस्पॉन्स टीम’ द्वारा किया गया है, जिसमें समाज के प्रमुख व्यक्तित्व मार्गदर्शन कर रहे हैं.उन्होंने कहा,”अभी जो संकट है उससे मुक्ति के लिए, संकट निवारण के लिए, संकट विनाश के लिए, दो प्रकार की कोशिश जरूरी है. एक तो प्रार्थना, मंत्र द्वारा, स्तुति द्वारा, हनुमान चालीसा द्वारा, अपने सदाचार नियम-पालन के द्वारा … दूसरा चिकित्सा द्वारा. लेकिन साथ ही इसमें धैर्य व आत्मविश्वास का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है.”
”अगर धैर्य व आत्मविश्वास है तो संकट कैसा भी हो हम उससे बाहर आ सकते हैं. व्यक्तिगत विश्वास की तो आवश्यकता है ही, साथ ही ऐसा सामूहिक वातावरण बनाने की भी आवश्यकता है.”
इस अवसर पर प्रख्यात कलाकार पद्मविभूषण सोनल मानसिंह ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि हाल ही में उन्हें कोरोना हुआ था, पर सकारात्मक विचारों, धैर्य, आत्मबल व प्रार्थना द्वारा उन्होंने नैराश्य को दूर भगाते हुए इस पर विजय प्राप्त की.
उन्होंने कहा,”समाज में असीम आशा व सकारात्मकता का वातावरण बनाने की आवश्यकता है ताकि कोई भी हताश या निराश न हो. इसके लिए रचनात्मकता का सहारा लें तथा मन में कृतज्ञता का भाव रखें.. हम सभी इस युद्ध को लड़ रहे हैं और इसमें निश्चित ही विजय प्राप्त करेंगे. पर इसके लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वयं को असहाय न मानें, क्रोध, निराशा, हताशा से स्वयं भी दूर रहें और सकारात्मक विचारों को साझा कर दूसरों को भी संबल दें व समाज में सामूहिक स्तर पर सकारात्मकता का वातावरण तैयार करें.”इस व्याख्यानमाला का प्रसारण 100 से अधिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर 11 मई से 15 मई तक प्रतिदिन सायं 4:30 बजे से किया जा रहा है.