हस्तरेखा में अन्य रेखाओं की तरह ही हृदय रेखा भी महत्वपूर्ण स्थान रखती है। हृदय रेखा को प्रेम रेखा के नाम से भी जाना जाता है। हृदय रेखा मस्तिष्क और जीवन रेखा के ठीक ऊपर स्थित होती है। यह तर्जनी के नीचे छोटी उंगली से शुरू होती है। हृदय रेखा व्यक्ति के भावनात्मक पक्ष को चित्रित करती है। हस्तरेखा की लंबाई सबसे महत्वपूर्ण होती है। यदि किसी व्यक्ति के हाथों में हृदय रेखा नहीं है या फिर तर्जनी उंगली तक फैली हुई तो ऐसा व्यक्ति संकीर्ण मानसिकता का होता है। ऐसे लोग कुछ करने से पहले सोचते नहीं और ना ही उनके परिणाम से परेशान होते हैं। प्रेम इनके जीवन में सफल नहीं होता। ऐसे लोग अकेले रहते हैं।
यदि हृदय रेखा बहुत लंबी और हथेली के एक छोर से दूसरे छोर तक तो ऐसे लोग कठोर होते हैं। ऐसे लोग बहुत ही कठोर होते हैं। उदारता में ये विश्वास नहीं करते। ऐसे लोगों का जीवन बहुत अच्छा होता है। हालांकि ऐसे लोग रोमांटिक और वफादार होते हैं। यदि व्यक्ति के हाथ में घुमावदार हृदय रेखा है और ऊपर की ओर जा रही तो ऐसे व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मुखर होते हैं। नीचे की ओर घुमावदार हृदय रेखा व्यक्ति के कमजोर व्यक्तित्व को दर्शाती है। ऐसे लोगों आत्मविश्वास में कमी होती है। जिन लोगों के हाथ में सीधे हृदय रेखा होती है वे रुढिवादी होते हैं।