Home विविधासाहित्य खरी खरी ….सुरेश मिश्र

खरी खरी ….सुरेश मिश्र

by zadmin

राहें नहीं दिखा रहीं,बाबू मन की बात
लेकिन दिल रो रहा है, ऐसे हैं हालात
ऐसे हैं हालात, सभी कुछ लागे बौना
आज करेजा चीर रहा, देखो कोरोना
कह सुरेश कविराय बींध देती हैं आहें
चीख,विलाप,रुदन से भरी हुई हैं राहें।

सुरेश मिश्र

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