महाराष्ट्र में पालघर जिले के विरार में शुक्रवार तड़के एक निजी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में आग लगने से कोविड-19 से पीड़ित 13 मरीजों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एसी यूनिट में विस्फोट होने के बाद यह आग लगी और हादसे के वक्त अस्पताल में 90 मरीज मौजूद थे जिनमें से 18 मरीज आईसीयू में थे। मृतकों में 5 महिलाएं और आठ पुरुष हैं। आग के बाद धुएं से भर गए आईसीयू में अफरा-तफरी नजर आई जहां कुछ जगहों पर पंखे गिर गए, बेड एवं अन्य फर्नीचर बिखरे हुए थे और मृतकों के परिजन अस्पताल के बाहर रोते-बिलखते दिखे। अधिकारी ने बताया कि चार मंजिला विजय वल्लभ अस्पताल के दूसरे तल पर स्थित आईसीयू में तड़के 3 बजे आग लगी। अग्नि शामक दल ने आग पर सुबह 5 बजकर 20 मिनट तक काबू पा लिया। उन्होंने बताया कि घटना के वक्त आईसीयू में 18 मरीज थे। पांच मरीजों को बचा लिया गया और उन्हें इलाके के अन्य अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के अन्य मरीज इससे प्रभावित नहीं हुए क्योंकि आग आईसीयू तक ही सीमित थी।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिये घटना की जांच के आदेश
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि अधिकारियों को जांच करनी चाहिए कि अस्पताल का अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया गया था या नहीं। यह अस्पताल मुंबई से करीब 50 किलोमीटर दूर है। जिला आपदा नियंत्रण केंद्र के प्रमुख विवेकानंद कदम ने बताया कि विरार के अस्पताल में आग आईसीयू की वातानुकूलन इकाई में विस्फोट के बाद लगी।
प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये की सहायता राशि
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पालघर जिले के विरार में अस्पताल में लगी आग में जान गंवाने वाले 13 कोविड-19 मरीजों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की शुक्रवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि हादसे में बुरी तरह घायल होने वाले लोगों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।