●खरी-खरी——
ध्यान रखो यदि जान है , तब ही मिले जहान।
थोड़ी सी भी चूक से , पहुँचोगे शमशान ।।
पहुँचोगे शमशान , न कंधा कोई देगा।
जो ज़िंदा रह जाय , वही सब सुख भोगेगा।।
मानो तुम सारे नियम , तबहिं बेचेगी जान।
कोरोना से बचोगे , अगर रखोगे ध्यान।।
••••••••●अशोक वशिष्ठ