Home विविधासाहित्य खरी-खरी••••••●अशोक वशिष्ठ

खरी-खरी••••••●अशोक वशिष्ठ

by zadmin

●खरी-खरी——
ध्यान रखो यदि जान है , तब ही मिले जहान।

थोड़ी सी भी चूक से , पहुँचोगे शमशान ।।

पहुँचोगे शमशान  ,  न कंधा कोई देगा।

जो ज़िंदा रह जाय , वही सब सुख भोगेगा।।

मानो तुम सारे नियम , तबहिं बेचेगी जान।

कोरोना से बचोगे ,  अगर रखोगे ध्यान।।

••••••••●अशोक वशिष्ठ

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