अजान से त्रस्त हिन्दुओं का पलायन, अजान की आड़ में अब मुस्लिमों का लैंड जेहाद
मुंबई: मालाड के मालवणी के बाद अब कुर्ला से हिन्दुओं का पलायन होने लगा है. खबर है कि कुर्ला पश्चिम के कपाड़िया नगर में सिर्फ 3 फीसदी हिंदू रह गए हैं. कपाड़िया नगर में अनेक मस्जिदों से अवैध लाउडस्पीकर लगाकर कानफाडू आवाज में दिन भर में 5 बार अजान होने से वहां के हिंदू परिवार त्रस्त हो गए और अपने घर बेच कर चले गए हैं. छानबीन से पता चला है कि मुंबई ठाणे और नई मुंबई के कई इलाकों से अजान की कानफाड़ू आवाज से स्थानीय नागरिक ध्वनि प्रदूषण से परेशान हो गए हैं. सामाजिक संगठन हिंदू जनजागृति समिति ने मुस्लिमों की धार्मिक पाखंड को सिर्फ ध्वनि प्रदूषण नहीं बल्कि इस कृत्य को लैंड जिहाद का नाम दिया है. इस समिति ने “लाउडस्पीकर से अज़ान” विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया था जिसमें देश भर के 13000 लोगों ने हिस्सा लिया. इस परिचर्चा में एक याचिका कर्ता संतोष पाचलग पचलाग ने बताया कि निरंतर अजान के कष्ट से पीडित होकर कपाड़िया नगर के हिन्दुओं ने मुसलमानों को घर बेच दिए और वहां से चले गए । आज वहां केवल 3 प्रतिशत हिंदू शेष रह गए हैं । यह हिन्दुओं को निष्कासित करने का ही एक षड्यंत्र है । इसलिए मस्जिदों पर लगाए जानेवाले अवैध लाउडस्पीकरों का प्रश्न केवल ध्वनि प्रदूषण तक सीमित नहीं है, अपितु हिन्दुओं को निष्कासित करने का नियोजित ‘लैंड जिहाद’ है. श्री पाचलग इसे असंवैधानिक करार देते हुए इस तरह के उत्पात पर शीघ्र रोक लगाने की मांग की.
श्री. पाचलग ने आगे कहा कि, नई मुंबई स्थित 45 मस्जिदों पर अवैध लाउडस्पीकरों के विरुद्ध दायर याचिका में मिली जीत इस तरह के उत्पात से निपटने की शुरुआत है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश के 3200 अवैध लाउडस्पीकरों के विरुद्ध अपमान याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गयी है. यह संघर्ष चल ही रहा है । हिन्दू जब तक इसमें संगठित होकर सहभागी नहीं होंगे, तब तक राज्यकर्ता हमारे पक्ष में नहीं आएंगे; क्योंकि वे केवल समूह के पीछे भागनेवाले होते हैं । इसलिए हमें हिन्दुआें की संगठित शक्ति निर्माण करनी चाहिए ।
इस परिसंवाद में सहभागी हरियाणा की ‘विवेकानंद कार्य समिति’ के अध्यक्ष नीरज अत्री ने कहा कि, अजान हम सुनते हैं; परंतु उसका अर्थ अधिकांश लोग नहीं जानते । अजान में कहा गया है कि ‘अल्लाह ही सर्वश्रेष्ठ है. इस संसार में अल्लाह के अतिरिक्त अन्य कोई पूजने योग्य नहीं है, वैसी मैं गवाही देता हूं। ’ प्रतिदिन देश भर में पांच बार लाउडस्पीकरों पर यह संदेश सबको सुनाया जाता है । यह एक प्रकार से हिंदुओं के देवताओं का अपमान है तथा यह गैर मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने वाला है । इस पर कार्रवाई होनी चाहिए । इस परिचर्चा में बोलते हुए ‘हिन्दू विधिज्ञ परिषद’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने कहा कि अवैध लाउडस्पीकरों के विरुद्ध एकजुट होकर हिन्दुओं को आवाज उठानी होगी. पुलिस शिकायत में 100 क्रमांक सहित ‘ट्वीटर’ और ‘फेसबुक’ इन सोशल मीडिया के माध्यमों से तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण, जिलाधिकारी आदि से समूह में शिकायत करनी चाहिए । पर्यावरण संरक्षण कानून के अंतर्गत ध्वनि प्रदूषण करने वाले को पांच वर्ष कारावास और एक लाख रूपये के दंड का प्रावधान है. इन कानूनों का उपयोग करना चाहिए । इस अवसर पर बोलते हुए‘अखंड भारत मोर्चा’ के अध्यक्षसंदीप आहुजा ने कहा कि मस्जिदों पर लगे हुए अवैध लाउडस्पीकर जिहाद पुकारने के लिए हथियार के रूप में उपयोग किए जा रहे हैं। पुलिस मस्जिदों पर लगे हुए अवैध लाउडस्पीकरों के विरुद्ध की जाने वाली शिकायतों की उपेक्षा करती है.उन्होंने कहा कि दिल्ली की 10 मस्जिदों पर लगे हुए अवैध लाउडस्पीकरों के विरुद्ध राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में शिकायत की थी. वहां एक मुस्लिम न्यायाधीश होने के कारण उसने पहले याचिका वापस लेने के लिए दबाव बनाया था; परंतु कानूनी भूमिका पर दृढ रहने के कारण उन्हें याचिका स्वीकार करनी पड़ी; परंतु उनके द्वारा अपेक्षित निर्णय न दिए जाने के कारण हमें सर्वोच्च न्यायालय में जाना पड़ा ।