केंद्र सरकार पर झूठे आरोप लगानेवाले मंत्री नवाब मलिक देश से माफ़ी मांगें-चंद्रकांत पाटिल
मुंबई। कोरोना की दूसरी लहर महाराष्ट्र में कहर बनकर टूट पड़ी है , प्रदेश की जनता इलाज के लिए तड़प रही है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार महामारी का राजनीतिकरण करने पर तुली हुई है। यह आरोप भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने लगाया है. उन्होंने रविवार को कहा कि प्रदेश की जनता को महामारी से बचाने के बजाय राज्य सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी करके लोगों का ध्यान भटका रही है.यह अशोभनीय और दुर्भाग्यजनक है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल ने कहा है कि प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार महाराष्ट्र की जनता के प्रति अपनी जवाबदेही निभाने में हर मामले में लगातार नाकाम दिख रही है और अपनी इन्हीं सिलसिलेवार नाकामियों को छिपाने की कोशिश में राज्य सरकार ,केंद्र सरकार पर झूठे आरोप लगा रही है. पाटिल ने कहा है कि कम से कम अब राज्य सरकार को कोरोना संकट से प्रदेश की जनता को उबारने के लिए अपनी सारी एजेंसियों को सक्रिय करने की कोशिश करनी चाहिए, वरना, इस महामारी का प्रकोप आनेवाले दिनों में लोगों को और परेशान करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मंत्री नवाब मलिक ने केंद्र सरकार द्वारा 16 कंपनियों को महाराष्ट्र में रेमडीसिविर इंजेक्शन की सप्लाई प्रतिबंधित करने के जो आरोप लगाए, वे बिल्कुल बचकाने और हास्यास्पद थे। क्योंकि जब नवाब मलिक से सबूत मांगे गए तो उन्होंने नहीं दिए, क्योंकि झूठ के सबूत वे कहां से पैदा करते। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए मलिक ने गुजरात सरकार का आदेश दिखाया। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता ने जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। उधर, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने जब मलिक के आरोपों का संज्ञान लिया और जानकारी मांगी, तो नवाब मलिक कोई जानकारी नहीं दे सके। भाजपा अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि जनता को भ्रमित करने के लिए बार बार ‘आरोप लगाकर भाग जाने’ की कोशिशें दोहराई जा रही है। पाटिल ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि भाजपा इस मामले को गंभीरता से ले रही है और इसके निस्तारण के बिना नहीं रुकेगी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नवाब मलिक सबूतों के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ अपने आरोपों को साबित करे, वरना सार्वजनिक रूप से महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगे।