मुंबई,15 अप्रैल:कोरोना प्रबंधन के नाम पर मुंबई महानगरपालिका में दवाओं की खरीदी पर लूट खसोट जारी है.भाजपा नगरसेवक विनोद मिश्रा ने आरोप लगाया है कि कोरोना पीड़ितों को दिया जाने वाला इंजेक्शन रेमडेसिवीर की खरीददारी में 200 करोड़ का घोटाला हुआ है. यह सूई बाजार से दोगुने दाम में खरीदी जा रही है. इस बारे में मनपा आयुक्त को की गयी लिखित शिकायत में भाजपा नगरसेवक विनोद मिश्रा ने दस्तावेजी सबूत के साथ कहा है कि मनपा ने 7 अप्रैल को 200000 रेमडेसिवीर इंजेक्शन 1568 रू प्रति इंजेक्शन की दर से ऑर्डर दिया है. इन इंजेक्शनों को मनपा के 14 कोविड केंद्रों पर वितरित किया जाना है. जिसमें केईएम,सायन अस्पताल, बीकेसी कोविड केंद्र, नायर अस्पताल, सेवन हिल्स, नेस्को, दहिसर कोविड केंद्र ,कस्तूरबा और कूपर अस्पताल आदि का समावेश है. श्री मिश्रा ने बताया कि इसी सूई की खरीदी हॉपकिन्स इंस्टिट्यूट 565 रूपये प्रति इंजेक्शन की दर से की है. इतना ही नहीं मीरा भायंदर महानगरपालिका ने भी इसी दर पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन खरीदा है.इस बारे में मनपा प्रशासन का खुलासा काफी हास्यास्पद है. मनपा का कहना है कि कोरोना संक्रमण बढ़ने से रेमेडीसीवीर इंजेक्शन की मांग बढ़ गयी और स्टॉक में 10471 सूइयां बची थीं इसलिए जल्दीबाजी में ऑर्डर देना पड़ा,जबकि न्यूज चैनल पर उसी दिन मनपा आयुक्त श्री चहल यह कहते पाए गए कि मनपा के पास 7 अप्रैल को 36000 सूइयां मौजूद थीं. इन सभी घटनाक्रमों से पता चलता है रेमेडीसीवीर सूई की खरीदी में 200 करोड़ रूपये का घोटाला होने की आशंका वयक्त की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि महानगर पालिका में कोरोना के विपत्ति काल में वसूली गैंग सक्रिय है. श्री मिश्रा ने कहा है कि मनपा इस आपातकाल की स्थिति में सडकों के नामकरण पर 30 करोड़ खर्च कर रही है. उन्होंने सुझाया है कि इस निधि का उपयोग कोरोना रोगियों के लिए चिकित्सा साधन जुटाने में किया जाये.मनपा में हुए इस सूई खरीदी घोटाले की शिकायत राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से की है. और जांच की मांग की है.