Home विविधासाहित्य खरी-खरी…….☆ अशोक वशिष्ठ

खरी-खरी…….☆ अशोक वशिष्ठ

by zadmin

खरी-खरी
फिर से लाॅकडाउन लगा, महाराष्ट्र में यार।

कोरोना ने कर दिया , जीना ही दुश्वार।।

जीना ही दुश्वार , किस तरह जान बचायें।

कोरोना मर जाय , कौनसी बूटी खायें।।

सरकारी फरमान , नहीं निकलो तुम घर से।

जीवन पर ख़तरा , मंडराता लगता फिर से।.
☆ अशोक वशिष्ठ 

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