खरी-खरी
राम भला कब होएगा , कोरोना का अंत ।
विश्व समस्या बन गया , यह तो बहुत ज्वलंत।।
यह तो बहुत ज्वलंत , दिखाई यह नहीं देता।
छिप कर करता घात , प्राण जल्दी हर लेता ।।
दुनिया थर-थर काँपती, सुन कोरोना नाम।
अभय दान सब माँगते , भली करो हे! राम।।
अशोक वशिष्ठ