अनिल देशमुख की याचिका ठुकराई
विशेष संवाददाता
मुंबई: परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रूपये वसूली वाले आरोप की सीबीआई जांच बरकार रहेगी। पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा किये गये आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया था। बॉम्बे हाई कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दो याचिका दायर की गयी थी इन दोनों याचिकाओं को दिल्ली स्थित सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को ठुकरा दी। वहीं मुंबई में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पत्रकारों से कहा कि अनिल देशमुख की इस याचिका के ठुकरा दिए जाने से सीबीआई मामले की जांच कायम रहेगी । उनको आशंका है कि इस जाँच में बहुत कुछ बाहर आ आएगा। वह इस तरफ से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार पर टीके के बारे में आरोप कर रहे हैं। पाटिल ने यह भी मांग की कि सचिन वजे मामले में मकोका के तहत कार्रवाई की जाए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह , निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वजे द्वारा किये गए आरोपों से यह लगता है कि राज्यकर्ता ही संगठित अपराध में लिप्त हैं उनके इस्तीफे पर्याप्त नहीं है संबंधितों के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की जाए । उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह , सचिन वजे से जो जानकारी सामने आ रही है वह अत्यंत झटका देनेवाला है इस बारे में पूरक प्रमाण पेश हुए तो सम्बंधित व्यक्ति के खिलाफ मकोका की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की ज़रूरत है। जैसे सामान्य व्यक्ति के खिलाफ तत्परता से कार्यवाई की जाती है वैसे ही जिनका नाम इस मामले में आ रहा है उन पर भी कार्यवाई की जानी चाहिये। पाटिल ने कहा कि अनिल परब को को पत्रकार परिषद लेकर अपना पक्ष रखने के बजाय एनआईए , सीबीआई के पास जाकर अपनी सफाई देनी चाहिये।