मुंबई, 6 अप्रैल: जनजातियों के विकास के लिये भारत विकास परिषद ने स्टफ फॉर गुड हेल्थ’यह प्रकल्प शुरू किया गया है। भारत के पारंपरिक सेंद्रीय कृषिपद्धति का उपयोग कर के जनजाति बांधवों द्वारा सब्जियाँ एवं फल उगाए जाते है और संपूर्ण मुंबई में वितरित किये जाते है।
उत्तम स्वास्थ्य कि दृष्टि से आज अनेक लोग पारंपरिक भारतीय खेती पद्धति के अनुसार सेंद्रीय उत्पादन लेते हैं। आत्मनिर्भर भारत प्रकल्प के अंतर्गत जनजातियों के विकास के लिये इसी पद्धति का उपयोग क्यों न किया जाए इस विचार को लेकर भारत विकास परिषद की मुंबई समर्पण शाखा द्वारा ‘स्टफ फॉर गुड हेल्थ’ – सेंद्रीय सब्जियाँ एवं फल यह प्रकल्प शुरू किया गया. वानगाव, डहाणू, सफाला और कोस्बाड के परिसर में रहनेवाले जनजाति बांधव सेंद्रीय सब्जी उगाते हैं लगभग 10 किसान और 50 मजदूरों को इस प्रकल्प के कारण रोजगार मिला है और वे संस्था से जुड़ गए हैं.
जनजाति समाज आर्थिक दृष्टि से पिछडा हो तो उनकी जरुरते पूरी नहीं होती. यही सोचकर संस्था ने इस से पहले जनजातियो के विकास के लिये घोडीपाडा में कुक्कुटपालन और सिलाई मशीन कि व्यवस्था की गई. अब किसान और मजदूरों को लेकर यह प्रकल्प शुरू किया गया है। लगभग 75 स्त्री एवं पुरुषों को इस प्रकल्प द्वारा रोजगार प्राप्त हुआ है। मुंबई में अनेक जगहों पर यह सब्जियाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं. यह सेंद्रीय सब्जियाँ खरीदने सुविधा व्हाट्स अप (8591226652) एवं वेबसाईट (https://d-stuffforgoodhealth780.dotpe.in) बुकिंग द्वारा उपलब्ध कराई गई है।