इंसान और जानवर के मिश्रण से बना वायरस कोरोना ने दुनिया को फिर से रोक दिया है। चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस चीन में उतना नहीं फैला, जितना कि ये दुनिया के 192 से ज्यादा देशों में फैला है।
इससे बचाव का एक मात्र तरीका *सोशल डिस्टैंसिंग, दूरी, मास्क, सैनिटाइजर या हाथ धोना* ही माना जा रहा है। जानकर और सजग लोग इस बीमारी से बचने के लिए तरह-तरह के नुस्खे आजमा रहे हैं, ताकि उनके आस-पास ये बीमारी नहीं पनपे।
*कोरोना से बचने के लिए स्टीम भाप* का चलन लोगों में बढ़ता जा रहा है। चैन दी ब्रेक की यह चौथी आदत है। नए व्यवस्था की लोकड़ौउन में तो कोरोना की दहशत तो और भी बढ़ गयी है ।अब तो लोगों में ये विश्वास पैदा हो गया है कि तंदुरुस्त आदमी अगर कोरोना से बचना चाहता है तो रोजाना भांप लेंने और गरारे करें की आदत डालना ही चाहिए।
*वाकई भाप और गरारे कोरोना से बचाव में असरदार हैं क्या?*हर्ब्स या सिर्फ गरम पानी से स्टीम लेने से सांस खुलती है। इसमें कोई संदेह नहीं कि आपको किसी भी तरह के फ्लू से बचना है तो आप अपने गले में कफ लाने से बचें। कॉमन फ्लू में भाप हर हाल में असरदार है। ये दवाई से ज्यादा फ्लू में असरदार साबित होता है। सामान्य तौर पर सर्दी-जुकाम होने पर डॉक्टर भाप लेने की सलाह तो देते हैं, क्योंकि भाप नाक और गले में जाकर म्यूकस (जिससे कफ बनता है) को पतला करता है।
*नमक का गरारा* नमक के गरारे करने से कोरोना से बचाव किया जाता है, इस बात की पुष्टि WHO ने नहीं की है। अभी तक किसी अध्ययन में ये बात सामने नहीं आई है कि नमक का गरारा करने से कोरोना के संक्रमण को ठीक किया जा सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि गले की सर्दी और गले में खराश होने पर गरारा करना हमेशा लाभदायक होता है।
*चलो कोरोना का खात्मा करने के किये एक प्रयास करते है*डॉक्टरों के अनुसार, कोविद -19 को नाक और मुंह से भाप द्वारा मारा जा सकता है और कोरोना नष्ट हो सकता है।
यदि हम सभी ने एक सप्ताह के लिए भाप अभियान शुरू किया, तो कोरोना बाहर निकल सकता है। ऐसा करने के लिए, डॉक्टर दुनिया भर के लोगों से आग्रह कर रहे हैं
*भांप अभियान चलाते है*आज से दो हफ्ते के लिए इनहेलर या स्टीम सादे पानी से सुबह और शाम को भाप लेने के लिए केवल 05-05 मिनट देते है। यदि आप दो सप्ताह के लिए हर दिन ऐसा करते हैं, तो यह माना जाता है कि घातक कोविद -19 को मिटाया जा सकता है। ऐसा करने से निश्चित रूप से लाभ होगा।
लकिन एक बात तो पक्की है कि त्रिसूत्रेय आदत के साथ चौथी आदत भांप लेने भी लगा लीजिये।
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री