महाविकास अघाड़ी सरकार के आधे दर्जन मंत्री जायेंगें ——- भाजपा
विशेष संवाददाता
मुंबई:, महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के एक मंत्री को सोमवार को, बॉम्बे हाई कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया । गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ डीजी परमबीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री और राज्यपाल को लिखे पत्र में 100 करोड़ रूपये के वसूली का आदेश देने के बारे में लगाए गए आरोपों के बारे में बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर की गयी जयश्री पाटिल की शिकायत पर कोर्ट ने निर्णय दिया जो गृहमंत्री के खिलाफ था। जय श्री पाटिल ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। कोर्ट ने इस याचिका पर निर्णय देते हुए कहा कि यह विचित्र मामला है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायाधीश जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने अपने52पृष्ठ के आदेश में कहा कि ” कानून का राज होना चाहिए न कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त किये हुये गुंडों का राज होना चाहिए ” . कोर्ट में इससे जुड़ी तीन अन्य याचिकाएं भी दायर की गयी थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि अनिल देशमुख गृहमंत्री हैं और पुलिस उनके मातहत आती हैं, इसलिये पुलिस के द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जाँच नहीं की जा सकती। इसकी स्वतंत्र जाँच ज़रूरी है। स्वयं पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त ने गृहमंत्री पर आरोप लगाया है इसलिए सच बाहर आना ज़रूरी है। इस मामले की पंद्रह दिनों में सीबीआई द्वारा प्राथमिक जाँच की जानी चाहिये। हाईकोर्ट के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदले। गृहमंत्री की चर्चा शुरू हो गयी। सीबीआई जांच का निर्णय आने की बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने जो इस्तीफ़ा पत्र लिखा उसके एक – एक शब्द गौर करनेवाले हैं दरअसल इसमें उन्होंने यह जताने की कोशिश की जैसे वह स्वेच्छा से इस्तीफ़ा दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे इस्तीफे में कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष अधिवक्ता जयश्री पाटिल द्वारा दायर की गई शिकायत पर 5 अप्रैल को कोर्ट ने सीबीआई द्वारा प्राथमिक जाँच करने का आदेश दिया है इसके तहत मुझे मंत्री ( गृह ) रहना नैतिक दृष्टि से योग्य नहीं लग रहा है ,इसलिए मैं स्वयं ही इस पद से दूर रहने का निर्णय लेता हूँ। मुझे गृहमंत्री पद से मुक्त करें यह निवेदन है। देशमुख का इस्तीफ़ा पत्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपा गया। इस इस्तीफे को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के पास भेजा गया जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया। एनसीपी के कोटे से ही नया गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल को बनाया गया। पाटिल श्रम एवं उत्पाद शुल्क मंत्री थे उनके पास का श्रम मंत्रालय का प्रभार अतिरिक्त तौर पर हसन मुश्रीफ को जबकि उत्पाद शुल्क मंत्रालय का प्रभार अतिरिक्त तौर पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार को दे दिया गया। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद मीडिया से बात करते हुये कहा यह इस्तीफ़ा पहले ही हो जाना चाहिए था। इस मामले की सीबीआई जाँच से सच सामने आ जायेगा। इस मामले में मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं। भाजपा के केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि वह ”नैतिकता” के आधार पर इस्तीफ़ा दे रहे हैं यह ”नैतिकता” है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिये। भाजपा सांसद नारायण राणे ने कहा है कि हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जाँच का आदेश दिए बाद अनेक लोग भयभीत हैं। मुख्यमंत्री को इस बारे में बोलना चाहिये नहीं तो यह सवाल पूछा जायेगा कि कहीं मुख्यमंत्री भी तो इसमें शामिल नहीं हैं। राणे ने कहा कि राज्य के दो मंत्रियों का इस्तीफ़ा हुआ है इससे राज्य की बदनामी हो रही है। मुझे लगता है यह सरकार जल्द ही जायेगी। किरीट सोमैया ने औरंगाबाद में पत्रकारों से कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्री संजय राठोड गये, अनिल देशमुख गये अब अनिल परब भी जायेंगें। यही नहीं इस मंत्रिमंडल के आधे दर्जन मंत्री जायेंगें। अब बात करें नये गृहमंत्री की तो दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। सात बार विधायक चुने गये पाटिल की कानून की अच्छी जानकारी है वह मृदुभाषी स्वभाव के हैं। ऊर्जा मंत्री के तौर पर पाटिल ने कई वर्ष कार्य किया 12.12.2012 को महाराष्ट्र को लोडशेडिंग मुक्त करने की शुरुआत उनके समय में ही हुई। वे वित्त मंत्री भी रहे। सभी पार्टियों के नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं। पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह के गृहमंत्री पर आरोप के बाद गृह विभाग और पुलिस महकमे में असुरक्षितता का माहौल व्याप्त है। नए गृहमंत्री समक्ष प्रशासन खास तौर पर पुलिस अधिकारियों में सरकार के प्रति विश्वास निर्माण करके गृह विभाग पर नियंत्रण रखने की चुनौती है। मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सीबीआई की टीम मुंबई में आकर अनिल देशमुख के खिलाफ जाँच की प्रक्रिया की शुरुआत कर सकती है।