गृहमंत्री इस्तीफ़ा दें यह चाहती है कांग्रेस
विशेष संवाददाता
मुंबई :महाराष्ट्र की सियासत में मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार की रात को मुलाकात की। इस मुलाकात में इंटेलिजेंस यूनिट की कमिश्नर रही रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट के बारे में चर्चा हुई ऐसा बताया जा रहा है । डीजी परमबीर सिंह के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सौ करोड़ रूपये प्रतिमाह जमा करने के पुलिस को कथित आदेश देने के आरोपों से घिरे अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग विपक्ष द्वारा निरंतर जारी है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुलाकात के दौरान गृहमंत्री ने अपना पक्ष रखा और मुख्यमंत्री द्वारा इस्तीफ़ा लेने के बारे में फैसला एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार पर छोड़ दिया गया है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे के बारे में भी चर्चा हुई। इस बारे में कांग्रेस का एक खेमा यह चाहता है कि सिंचाई घोटाले में अजित पवार पर आरोप लगने के बाद जैसे उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और जाँच के बाद फिर मंत्री बने थे वैसे गृहमंत्री अनिल देशमुख को पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए और जाँच के बाद वह निर्दोष पाए जाते हैं तो फिर से गृहमंत्री बने जबकि वहीं दूसरा धड़ा यह मानता है कि अधिकारियों की शिकायत पर गृहमंत्री को जल्दबाज़ी में इस्तीफ़ा देने की ज़रुरत नहीं है, सर्वोच्च न्यायालय में डीजी परमबीर सिंह द्वारा दायर याचिका पर कोर्ट क्या सुनवाई करता है इसका इंतज़ार करना चाहिये । वहीं डीजी परमबीर सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में जो याचिका दायर की है उसकी आज सुनवाई होनी है। इस पर सबकी नज़रे लगी हुई है कि गृहमंत्री के खिलाफ मुंबई के पुलिस आयुक्त रहे परमबीर सिंह की इस याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय क्या फैसला सुनाता है। यह भी माना जा रहा है कि सिंह की कोर्ट में दायर इस याचिका के लिए सरकार का समर्थन प्राप्त है। वहीं सरकार के खिलाफ आक्रामकता से हमला जारी रखते हुए फडणवीस मुंबई से दिल्ली तक मंगलवार को चक्कर काटते रहे। मोटी रकम लेकर पुलिस महकमें में बदली का नया भंडा फोड़ विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने करके गृहमंत्री अनिल देशमुख पर एक और गाज गिरा दी है । विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को सुबह मुंबई में पत्रकारों को एक सीडीआर दिखाते हुए कहा कि यह ६. ३ जीबी का है इसमें पुलिस आईपीएस, उससे निचले स्तर और अन्य पुलिस अधिकारियों के तबादले के बारे में संभाषण का रिकॉर्ड निहित है इसमें संवेदनशील जानकारियां है इसलिए मीडिया को देने से इंकार करते हुए फडणवीस ने कहा कि मैं दिल्ली में गृह सचिव को जाकर यह जानकारियां दूंगा और शाम को उन्होंने दिल्ली में गृह सचिव से मुलाकात की और एक बंद लिफ़ाफ़े में यह जानकारियां सौंपते हुये इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उस चिट्ठी का जिक्र किया था, जो राज्य के इंटेलिजेंस विभाग की अफसर रश्मि शुक्ला द्वारा लिखी गई थी। गृह सचिव से मुलाकात के बाद दिल्ली में पत्रकारों को फडणवीस ने बताया कि उन्हें गृह सचिव ने आश्वाशन दिया है कि पूरी जानकारी एवं प्रमाण की जाँच करके योग्य निर्णय लिया जायेगा। आईपीएस अधिकारी केंद्र सरकार के मातहत आते हैं इसलिए हम यह मानते हैं कि केंद्र सरकार इसकी जाँच कर सकती है। यदि ज़रुरत पड़ी तो हम कोर्ट में जायेंगें। फडणवीस ने कहा कि २५ अगस्त २०२० के इस रिपोर्ट को क्यों दबाकर रखा गया था जबकि तात्कालीन इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने इस बारे में सीआईडी जाँच की सिफारिश की थी। किसका भांडा फूटने के डर से सरकार घबरा रही थी जबकि मेरी जानकारी के मुताबिक इसके कुछ संवाद स्वयं मुख्यमंत्री ने सुने थे। फडणवीस ने फिर से कहा कि शरद पवार को अनिल देशमुख के कोरोना ग्रस्त होने के दौरान आयसोलेशन की अवधि के बारे में गलत जानकारी दी गयी। एनसीपी के नवाब मलिक ने कहा है कि फडणवीस ने जिन तबादलों के बारे में कहा है उसमें अस्सी फीसदी तबादले हुए ही नहीं। मलिक ने कहा कि इस तरह किसी का फोन टैप करना गैर कानूनी है। इन सब सियासी बवंडर के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पारिवारिक तनाव से भी गुजरना पड़ा रहा है क्योंकि पहले पुत्र और मंत्री आदित्य ठाकरे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं अब उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे भी कोरोना पॉजिटिव पाई गयी है।