मनपा चुनाव में कांग्रेस को सिखाएंगें सबक उत्तरभारतीय
मुंबई:- मुंबई कांग्रेस की नयी कार्यकारिणी घोषित किये जाने पर मुंबई कांग्रेस में असंतोष फ़ैल गया है. आरोप है किपद आवंटन में गुटबाजी की गयी है. नयी कार्यकारिणी में उत्तरभारतीयों, गुजराती,राजस्थानी समाज के लोगों को जिस तरह से गुटबाजी के चलते नजरअंदाज किया गया है,और चुन चुन कर अपने प्रतिद्वंदियों का पत्ता काटा गया है, उससे नेताओँ एवं कार्यकर्ताओं में भाई जगताप एवं चरण सिंह सप्रा के प्रति भारी असंतोष एवं गुस्सा व्याप्त है। मुंबई काँग्रेस के गुजराती सेल के अध्यक्ष भरत पारेख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।मुंबई कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजस्थानी समाज के वरिष्ठ नेता भवर सिंह राजपुरोहित अपना गुस्सा व्यक्त करते हुये घर बैठ गए है।वरिष्ठ पत्रकार, मुंबई कांग्रेस के महासचिव, प्रवक्ता आनंद शुक्ला ने अपने पद एवं पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मुलुंड के सभी उत्तर भारतीय वरिष्ठ नेताओ बी के तिवारी(मुंबई कांग्रेस महासचिव),डॉ बाबुलाल सिंह(मुंबई कांग्रेस उपाध्यक्ष),डॉ आर आर सिंह (कार्यकारी अध्यक्ष-ईशान्य मुंबई जिला कांग्रेस) का पत्ता साफ हो गया है, क्योंकि ये चरण सिंह सप्रा के आंख की किरकिरी बने हुये थे।सायन कोलीवाड़ा से एस के सिंह को दरकिनार कर दिया गया है। जो 177 लोगों की सूची घोषित हुई है उसमें 40 उत्तर भारतीय हैं।उनमें से 37 सवर्ण है।3 पिछड़े वर्ग से हैं।ये 3 पिछड़े वर्ग के भी भूलचूक से आ गए हैं क्योंकि वे किसी नेता के दरबारी हैं।जम कर भाई भतीजावाद हुआ है।कई वरिष्ठ नेता जो प्रमुख पदों पर हैं उनके भाइयों को भी महत्वपूर्ण पदों पर जगह मिली है।एक उत्तर भारतीय नेता को उपाध्यक्ष और उनके बेटे को महासचिव बनाया गया है।कई प्रमुख उत्तरभारतीय नेताओं का डिमोशन कर उन्हें अपमानित किया गया है।उत्तर भारतीय पिछड़ा वर्ग कूर्मि मौर्य यादव,नाई, निषाद,बिंद, मल्लाह, राजभर,विश्वकर्मा,इसमें पाल समाज,चौरसिया समाज,सोनार समाज,पटवा ,जैसवार, गुप्ता,जायसवाल, समाज इत्यादि लोगों को कोई भी स्थान नहीं दिया गया जबकि वे संजय निरुपम जी के साथ पार्टी से सक्रिय रूप से ज़ुड़े थे। पिछड़े वर्ग के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस में हमेशा सवर्णो का ही बोलबाला रहा है।संजय निरुपम ने पिछड़े वर्ग के लोगों को कांग्रेस से जोड़ने का अभियान चलाया और लोगों में आस जगाई की कांग्रेस में पिछड़े वर्ग के लोगों को भी स्थान मिलेगा।परंतु भाई जगताप एवं चरण सिंह सप्रा ने सभी के उम्मीदों को मटियामेट कर दिया है।इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को आने वाले मुंबई मनपा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।