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खरी-खरी

by zadmin

खरी-खरी
हे प्रभु अब कृपा करो , बीत गया एक साल।

और भयावह हो रहा  , कोरोना का हाल ।।

कोरोना का हाल  , बिगड़ता ही जाता है ।

कैसे होगा ख़त्म , समझ कुछ नहीं आता है।।

लोगों को भी चाहिए , रखें हमेशा ध्यान ।

जान सलामत यदि रहे , तब ही मिले जहान।।


अशोक वशिष्ठ 

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