संघ की प्रतिनिधि सभा में कल होगा सरकार्यवाह का चुनाव
बंगलुरू,19 मार्च:राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के जरिये 20 लाख स्वयंसेवक 5,45,737 स्थानों पर पहुंचे। इस अभियान के तहत देश में 12,47,21,000 परिवारों से स्वयंसेवकों ने संपर्क किया. इस से संपूर्ण देश में भावनात्मक एकात्मा का अनुभव हुआ है.यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में दी.
उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर केवल एक मंदिर नहीं है, श्रीराम भारत की संस्कृति का परिचय है, चरित्र है. सारे भारत को एक सूत्र में जोड़ने की भावनात्मक शक्ति श्रीराम हैं. सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय 1951 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था – मंदिर हमारे सांस्कृतिक जागरण का केंद्र रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण मार्च माह से जून तक संघ का कार्य पूर्ण बंद था, शाखाएं बंद थीं. जुलाई से धीरे-धीरे शाखाएं लगना प्रारंभ हुई थीं. शाखाएं बंद थीं, लेकिन संघ स्वयंसेवक सक्रिय थे. कोरोना के कारण निर्मित आपदा में समाज की सहायता के लिए पहले दिन से ही देशभर में स्वयंसेवक सक्रिय थे.सह सरकार्यवाह ने बताया कि कोरोना काल में स्वयंसेवकों ने देशभर में सेवा भारती के माध्यम से 92,656 स्थानों पर सेवा कार्य किए, इसमें 5,60,000 कार्यकर्ता सक्रिय रहे, 73 लाख राशन किट वितरित किए, 4.5 करोड़ लोगों को भोजन पैकेट वितरित किए गए, 90 लाख मास्क का वितरण किया, 20 लाख प्रवासी लोगों की सहायता की गई. 2.5 लाख घुमंतू लोगों की सहायता की, 60 हजार यूनिट रक्तदान भी किया. केवल संघ ही नहीं, समाज के अनेक संगठनों, मठ, मंदिर, गुरुद्वारों ने भी समाज की सेवा की.
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मार्च की तुलना में 89 प्रतिशत शाखाएं पुनः प्रारंभ हो गई हैं. संघ का कार्य देश के सभी जिलों में है. देश में 6495 खंडों (तालुका) में से 85 प्रतिशत में संघ का कार्य है, 58,500 मंडलों में से 40 प्रतिशत में प्रत्यक्ष शाखा है और 20 प्रतिशत में संपर्क है. आने वाले तीन वर्षों में सभी मंडलों तक संघ का कार्य पहुंचे, ऐसा हमारा प्रयास रहेगा.