कर्नाटक स्टेट वक्फ बोर्ड (Karnataka State Waqf Board) ने दरगाहों और मस्जिदों में बजने वाले लाउडस्पीकर को लेकर सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलर के मुताबिक रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही ये सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि दिन में लाउडस्पीकर की आवाज एयर क्लालिटी के मानकों के हिसाब से तय हो.
दरअसल ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए कर्नाटक स्टेट वक्फ बोर्ड ने ये फैसला लिया है. सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि सलत, जूमा कुतबा, बयान और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान मस्जिद में मौजूद लाउडस्पीकर का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसके अलावा मस्जिद के आसपास ऊंची आवाज वाले पटाखों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं मस्जिद के अंदर मुअज्जिन को एंप्लिफायर के इस्तेमाल की ट्रेनिंग देने की बात कही गई है.
इससे पहले पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कहा था कि अजान पर कोई रोक नहीं है. अजान देना इस्लाम का धार्मिक भाग है. लेकिन लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का धार्मिक हिस्सा नहीं है. इसलिए मुअज्जिन बिना किसी लाउडस्पीकर के भी मस्जिद से अजान पढ़ सकता है.इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि लाउडस्पीकर से अजान पढ़ने पर लगाई गई रोक सही है. कोर्ट ने कहा कि जब लाउडस्पीकर नहीं थे, तब भी मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए अजान दी जाती थी. इसलिए केवल लाउडस्पीकर से अजान देने पर रोक लगाने से अनुच्छेद 25 के धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो जाता.