एक खोज से यह बात सामने आयी है कि ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को मच्छर ज्यादा काटते हैं. जबकि ए और बी ग्रुप वालों को मच्छर उनकी तुलना में कम काटते हैं. अनुसंधान से एक बात और सामने आयी है
मच्छर काफी आसानी से कार्बन डाईआक्साइड दूर से भी सूंघ लेते हैं हैं, और लोगों को 5 से 15 मीटर की दूरी से देख सकते हैं. इन दो वजहों के जरिए वे आराम से मनुष्य का पीछा करते हुए काटने दौड़ते हैं. . अधिकतर लोग ज्यादा कार्बन डाईआक्साइड छोड़ते हैं और जब व्यक्ति मुंह और नाक के जरिए सांस छोड़ते हैं. तो मच्छर आसानी से आपकी ओर खींचे चले आते हैं. हमारा सिर भी मच्छरों को काफी आकर्षित करता है. जहां आपने देखा होगा की मच्छर अधिकतर हमारे सिर पर मंडराते रहते हैं.मच्छरों को कार्बन डाईआक्साइड के अलावा मनुष्य का पसीना भी आकर्षित करता है.
रिसर्च में बताया गया कि आपकी स्कीन कैसी है और आपकी स्कीन के बैक्टीरिया भी मच्छरों को आपकी और आकर्षित करते हैं.
एक रिसर्च में पाया है जो महिला गर्भवती है उसे ज्यादा मच्छर काटते हैं. क्योंकि सांस छोड़ने के दौरान ज्यादा कार्बन डाईआक्साइड निकलता है. जिस वजह से मच्छर उनकी ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं.