ठाणे15 मार्च :कोरोना महामारी के चलते आर्थिक बीमारी से जुझ रही ठाणे मनपा ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कैंची चला दी है। वहीं दूसरी तरफ मनपा प्रशासन ने शहर की सड़कों की साफ-सफाई के लिए कर्मचारियों की संख्यां कम होने का हवाला देकर इसके लिए निजी ठेकेदारों को नियुञ्चत करने का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव में बताया गया है कि सड़कों की सफाई के लिए निजी ठेकेदार कंपनी के माध्यम से एक हजार 40 सफाई कामगारों को नियुञ्चित की जाएगी, जिस पर 102 करोड़ 66 लाख 35 हजार 864 करने का निर्णय लिया गया है। 19 मार्च को होने वाले महासभा में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए लाया जाने वाला है।
उल्लेखनीय है कि ठाणे मनपा की आबादी करीब 25 लाख के आस-पास पहुंच गई है। बढ़ती आबादी के साथ ही शहर से प्रतिदिन करीब 963 मैट्रिक टन कचरा निकल रहा है। दूसरी तरफ सड़कों की सफाई के लिए करीब दो हजार 990 कर्मचारी कार्यरत हैं। मनपा प्रशासन के मुताबिक सड़कों की सफाई के लिए ये कर्मचारी कम पड़ रहे हैं। कहा गया है कि इससे पहले भी ठेकेदारों द्वारा नियुञ्चत कामगारों से ही सड़कों की सफाई की जाती थी। सभी का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। ऐसे में काम की तात्कालिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए मनपा ने दो साल के लिए वापस निविदा को मंगाई है। इसके तहत एक हजार 17 कामगार और 23 पर्यवेक्षकों सहित कुल एक हजार 40 कामगारों को ठेका पद्धति से नियुञ्चत किया जाएगा। दूसरी तरफ स्वच्छ भारत अभियान के तहत चार लेन वाले सड़कों की सफाई के लिए स्विपिंग मशीन की जरूरत है। इसके साथ ही हाईप्रेशर एयर ब्लोअर और स्विपिंग मशीन को ऑपरेटिंग करने के लिए क्रमश: दो-दो ऑपरेटरों की जरूरत है। इसे लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। 22 गट सड़कों की सफाई पर दो साल के लिए 84 करोड़ 47 लाख आठ हजार 184 रुपए खर्च किए जाएंगे। इसी तरह एका गट में मशीन द्वारा सफाई पर इस कालावधि के दौरान 18 करोड़ 19 लाख 27 हजार 680 रुपयों सहित कुल 102 करोड़ 66 लाख 35 हजार 864 रुपए के खर्च को अनुमानित किया गया है। वर्तमान में कोरोना महामारी का कहर जारी है। मनपा अपनी आर्थिक स्थिति को अभी तक सुधार नहीं सकी है। विकट आर्थिक स्थिति के चलते कई परियोजनाओं को रोकना पड़ा है। ऐसे में सड़कों की सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।